दोस्तों कैसे है आप आशा करता हूँ अच्छे होंगे आप ये लेख पढ़ रहे क्यूंकि आप होम लोन के बारे जानने के इच्छुक हैं या जानकारी चाहते हैं। आपको पूरी जानकारी मिलने वाली है की होम लोन क्या होता है, होम लोन कौन ले सकता है, होम लोन में कौन से दस्तावेज लगते हैं और आप कैसे होम लोन कैसे प्राप्त करें ( Home Loan Kaise Prapt Karen ) बस आपको लेख को फॉलो करना है।
होम लोन क्या होता है?- | Home Loan Kya Hota Hai
दोस्तों आपके मन में ख्याल होगा की ये होम लोन क्या है? और Home Loan Kaise Prapt Karen? सबसे पहले समझते ये हैं क्या हर व्यक्ति का अपने घर होता है जो आपको अपनी पसंद से रहने और सवारने की सुविधा देता है। घर आपको वित्तीय सुरक्षा, आयकर में रहत और एमर्जेन्सी में एक सपोर्ट सिस्टम की तरह काम करता हैं।
यदि आपके पास खरीदने के लिए एक मुश्त रकम नहीं है तो बैंक या कोई नॉन-बैंकिंग फिनानके कंपनी (NBFC) आपको लम्बी समय के लिए कर्ज देती है। जो एक निश्चित रकम मासिक किश्त के रूप में चुकाना होता है। बैंक या NBFC आपको 10 साल से 30 साल तक रकम और ब्याज समेत चुकाने की अवधि देते हैं।
बस दोस्तों इसी को कहते हैं होम लोन। इसेभीपढ़े – Education Loan Kaise Le
होम लोन की पात्रता निम्नानुसार निर्धारित की जाती है (Home Loan Eligibility)
बैंक का मानना है की आय की 40 फीसदी रकम का व्यक्तिगत जरूरतों के लिए इस्तेमाल होता है और जो 60 फीसदी को बैंक बचत मनता है जिस पर बैंक लोन लोना निर्धारित करता है।
उदाहरण के लिए मान लीजिए कि आपकी मासिक आय 50 हजार है तो बैंक 20 हजार को आपका खर्च और बाकी को बचत मानेगा। और अगर आपके पास कार या पर्सनल लोन जैसा कोई और लोन नहीं है, तो बैंक आपको 9% प्रति वर्ष की ब्याज दर पर 20 साल के लिए 30-35 लाख का लोन दे सकता है।
- आप अपनी मासिक आय का कुल आय का 60 गुना ऋण प्राप्त कर सकता है
- यदि आपका कोई और लोन चल रहा है तो बैंक आपकी वो किश्त की रकम आपकी सैलरी से घटा कर बची रकम पर लोन देने का विचार करेगा।
- यदि आप बैंक डिफॉल्टेर है या आपका क्रेडिट स्कोर अच्छा नहीं है तो बैंक आपको लोन देने से मना कर देगा
- निजी व्यवसायी और वेतनभोगी कर्मचारी के लिए अलग अलग ऋण पात्रता है
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होम लोन कैसा मिलता है? (Home Loan Kaise Prapt Karen)
होम लोन कैसे प्राप्त करें इसके लिए कुछ नियम और शर्त है लेकिन आपको मैं यहाँ जानकरी दूंगा की कैसे लोन आप प्राप्त करे. अब आपको अधिक ध्यान देने की आवश्यकता है क्योंकि होम लोन लेने के लिए यह आपका रोड मैप होगा जिसे आप अनदेखा नहीं कर सकते, स्टेप बय स्टेप का पालन करें।
होम लोन लेने का सही तरीका (Home Loan Road Map) : Home Loan Kaise Prapt Karen
- संपत्ति को अंतिम रूप दें (Finalize the asset)
- ऋण आवेदन (Loan Application)
- बैंक द्वारा उचित परिश्रम (Due diligence by the bank)
- क्रेडिट मूल्यांकन और ऋण स्वीकृति (Credit Appraisal and Loan Approval)
- ऋण समझौता (Loan Agreement) प्रस्ताव और स्वीकृति पत्र (Offer and Acceptance Letter)
- सेल डीड और डीडी हैंडओवर (Sale deed and DD handover)
- कब्ज़ा (Possession)
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Step #1 – Home Loan Kaise Prapt Karen
जब आपने तय कर लिया है कि आपको होम लोन की आवश्यकता है, तो कुछ बातों का ध्यान रखना चाहिए। लेकिन जो सबसे जरूरी है वह है सबसे कम ब्याज वाला बैंक ढूंढना, जिसके लिए आपको सैकड़ों वेबसाइटें मिलेंगी जो आपको कम ब्याज वाले बैंक की लिस्ट देंगी। वैसे सबसे सस्ता SBI होम लोन है आप चाहें तो यहां क्लिक करके चेक कर सकते हैं।
- ऑनलाइन ब्याज दरों की तुलना करें (Compare interest rates online)
- ऑनलाइन या सीधे बैंक में पूछताछ करें (Inquire online or directly at the bank)
- सर्वोत्तम संभव हो तो न्यूनतम ब्याज दर के लिए बैंक से बातचीत का प्रयास जरूर करें
- यदि आपका क्रेडिट स्कोर और दृश्यमान आय अच्छा है तो आपको निश्चित न्यूनतम ब्याज दर पर लोन मिल सकता है जिसके लिए बैंक से बात करें (Negotiate with the bank for the lowest interest rate)
- प्रोसेसिंग शुल्क 0.25% से 1% तक हो सकती है और बैंक अन्य शुल्क के तौर पे जैसे कानूनी और तकनीकी ड्यू डिलिजेंस शुल्क (Legal and Technical Due Diligence Fee)पर भी बैंक से जानकरी लें
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Step #2 – Home Loan Kaise Prapt Karen
दोस्तो बैंक से पूरी जानकारी लेने के बाद आपको अपने डॉक्युमनेट को तैयार करना होगा जो निचे दिए गए हैं।
- फोटो के साथ दो बार हस्ताक्षरित आवेदन पत्र – (Two signed application forms with photo)
- पहचान, निवास और आयु प्रमाण – (Identity, residence and age proof)
- पिछले 6 महीने के बैंक स्टेटमेंट की स्थिति – (Bank statement of last 6 months)
- पिछले 3 महीने की सैलरी स्लिप – (Salary slip of last 3 months)
- प्रसंस्करण शुल्क के लिए एक बैंक चेक – (A bank check for processing fee)
- इनकम टैक्स रिटर्न रिटर्न या फॉर्म-16 – (Income Tax Return Return or Form-16)
- व्यापार अस्तित्व का प्रमाण – (Proof of business existence)
- व्यापार प्रोफ़ाइल – (Business profile)
Step #3 – Due Diligence By Bank
- वित्तीय पूछताछ – (Financial inquiries)
- बैंक स्टेटमेंट चेक करना – (Checking bank statement)
- लेन-देन – व्यावसायिक गतिविधि, बचत, क्रेडिट, निवेश – (Transactions – business activity, savings, credit, investment)
- औसत बैंक बैलेंस चेक करना – (Checking average bank balance)
- चेक रिटर्न और चेक बाउंस – (Check return and check bounce)
- अन्य ऋण और देनदारियां – (Other Debts and Liabilities)
- क्रेडिट पात्रता की गणना के लिए शुद्ध आय – (Net income for calculating credit eligibility)
- सिबिल स्कोर – क्रेडिट और पुनर्भुगतान रिकॉर्ड – (CIBIL score – Credit and repayment record)
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Step #4 Field Investigation
- आवासीय पते का सत्यापन, संपर्क विवरण – (Residential address verification)
- नियोक्ता साख – कंपनी का पता, उद्योग, संगठन स्थिरता – (Employer credit)
- बैंक प्रतिनिधियों द्वारा भौतिक दौरा किया जाएगा – (Physical visit will be done by bank representative)
Step #4.1
- संपत्ति का व्यक्तिगत दौरा – स्थिति, निर्माण की गुणवत्ता, अतिक्रमण आदि का आकलन करें – (Physically Visit To Property)
- संपत्ति मूल्यांकन – एक स्वीकृत मूल्यांकक द्वारा – (Property Valuation By An Approved Valuer)
- निर्माणाधीन संपत्ति के अलावा – (Apart from under-construction property)
- निर्माण चरण और संतोषजनक प्रगति – (Construction phase and satisfactory progress)
- निर्माण गुणवत्ता – (Build quality)
- स्वीकृत लेआउट और भवन योजना – (Approved layout and Building plan)
इसेभीपढ़े – Education Loan Kaise Le
Step #5 – Legal Due Diligence
दोस्तों, अब आपके मन में एक सवाल होगा कि ड्यू डिलिजेंस क्या है? वास्तव में यह खरीद को अंतिम रूप देता है और साथ ही खरीदार को उसके फायदे और नुकसान के बारे में पता चलता है जो विशेष सलाहकारों द्वारा ड्यू डिलिजेंस किया जाता है। जो लक्ष्य कंपनी के व्यवसाय के सभी महत्वपूर्ण पहलुओं का विश्लेषण करते हैं और प्रत्येक के महत्व और मूल्य का आकलन करके समग्र मूल्यांकन करते हैं।
- शीर्षक जांच – कानूनी स्वामित्व और कोई भार नहीं – (Legal Ownership and No Encumbrances)
- संपत्ति दस्तावेज – शीर्षक दस्तावेज (बिक्री विलेख), कब्जा प्रमाण पत्र, बिक्री के लिए समझौता – (Sale Deed, Possession Certificate, Agreement for Sale)
- निर्माणाधीन – बिल्डर की जमीन के मालिकाना हक की जांच, आवंटन पत्र, बिल्डर-खरीदार समझौता, जांचें कि क्या परियोजना पहले से ही स्वीकृत है (एपीएफ कोड) – (Check builder’s land ownership, allotment letter, builder-buyer agreement, check whether the project is already approved or not (APF code).)
तो दोस्तों आज आपने होम लोन कैसे प्राप्त करें (Home Loan Kaise Prapt Karen) के बारे में जानकरी मिली मुझे उम्मीद है की आपको सभी हैडिंग समझ आ गया होगा। अगर इसके बाद भी कोई आपके का कोई सवाल है तो कमेंट बॉक्स में लेखे जल्दी आपको जवाब मिल जायेगा।
एक और अनुरोध है आपसे की अगर कोई इस पोस्ट से आपको कोई लाभदायक जानकारी प्राप्त हुई है तो शेयर करे अपने मित्रों में हो सकता उनकी कुछ मदद हो जाये।
धन्यवाद् आपका
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